Friday, April 24, 2020

रिश्ते

दायरे तो बढ़ रहे हैं
मेरी मुलाकातों के
 पर पता नहीं क्यों लगता है
सिमटती जा रही है मेरी दुनिया,
 रिश्तो की भीड़ में
 जब तक गिरे ना कोई,
 थामने वाले हाथों का
पता कहां चलता है|

©Dr. Rashmi Jain

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