Wednesday, April 22, 2020

ख़ामोशी

क्यों ख़ामोशी है इतनी दरमियान
क्या कुछ खो गया है?
रुक रुक कर चल रहे है
या चलते चलते रुक जाते है अरमान यहाँ?
ये कैसी ज़िन्दगी है?
जहा हँसी भी ठंडी होती है
और सपने बेरंग |

©डॉ रश्मि जैन

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